Monday, October 8, 2007

भोला बचपन

आओ मिल बाँटकर खाएँ ।


आओ मिल बाँटकर बैठें :)

हमसे बढ़िया मटर कौन छीलेगा ?

चलो अपने अंदाज़ में फोटो खिंचवाएँ ।

तुम तो बस मेरी नन्हीं गुड़िया हो .. आओ गोद में ले लूँ ।

सीमा कुमार


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11 पाठकों का कहना है :

Admin का कहना है कि -

भोला बचपन!

रंजू भाटिया का कहना है कि -

बहुत सुंदर चित्र :)

अभिषेक सागर का कहना है कि -

सीमा जी...
सच मे बचपन कितना सुंदर व भोला होता है...
आपने सुन्दर तस्वीर दिखा कर बचपन याद दिला दिया...
धन्यवाद

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

सीमा जी,
बोलती हुई तस्वीरें हैं। बहुत अच्छा प्रस्तुतिकरण।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Sajeev का कहना है कि -

एक मुसुक्राहत आ गयी चहरे पर, यही इन तस्वीरों की सफलता है सीमा जी

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

बहुत बढ़िया तस्वीरें हैं। आप बोलती हुई तस्वीरें लेने में माहिर हैं।

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

सुन्दर चित्रत्मक प्रस्तुति,

मुझे अपनी एक रचना याद आ गयी बहुत पहले लिखी थी कभी..

बडा सलौना नजुक प्यारा सुन्दर सा मन,
भोला भाला नट्खट सा होता है बचपन..
एक शाम मैं छत पर बैठा था यूँ अकेला
सहसा बचपन की यादों ने आकर घेरा..
बोलीं जब से तरुण हुये हो भूल गये हो..
मस्त जवानी की बाहों में झूल रहे हो..
याद करो वो वक्त गुजारा था जो संग संग..
भोला भला....

बचपन की यादें ताजा करने के लिये बधाई स्वीकार करें

शोभा का कहना है कि -

सीमा जी
बचपन के अमूल्य क्षणों को खूब संजोया है । कितनी प्यारी-प्यारी तसवीरें भेजी हैं । इनको देखकर मुझे
याद आ रहा है------ बार-बार आती है मुझको
मधुर याद बचपन तेरी
गया ले गया तू जीवन की
सबसे मस्त खुशी मेरी ।
बचपन को लौटाने के लिए बधाई

Mohinder56 का कहना है कि -

सीमा जी,

कैमरे पर आप का हाथ काफ़ी सधा हुआ है...
सुन्दर चित्रो द्वारा अभिव्यक्ति के लिये बधाई

गीता पंडित का कहना है कि -

सीमा जी...


बचपन याद दिला दिया...

बहुत सुंदर चित्र

बचपन को लौटाने के लिए

बधाई

Udan Tashtari का कहना है कि -

सुंदर चित्र :)

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