Tuesday, November 20, 2007

मेरा भारत है महान


पूरब से निकला सूरज कर दे
सब रोशन जहान
पूरब से ही उगता तारा
कराये सबको दिशा ज्ञान
मेरा भारत है महान

शोर मचाते काले बदरा
पूरब से ही तो आते हैं
गीता और रामायण के पाठ भी
पूरब के ही गुण गाते हैं
मिला सभी दुनिया को ही
यहीं से संस्कृति सभ्यता महान
मेरा भारत है सबकी शान

दिया सभी जगत को इसने
शून्य और अंक का ज्ञान
खिली हर भाषा हर जुबान में
यही तो है हर त्योहार का मान
मेरा भारत है महान !!


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8 पाठकों का कहना है :

परमजीत सिहँ बाली का कहना है कि -

सुन्दर रचना है\बधाई।

अभिषेक सागर का कहना है कि -

रंजु जी,

भारत के महानता की जितनी तारीफ की जाये कम है।
बहुत सुंदर कविता

राजीव रंजन प्रसाद का कहना है कि -

भारत की महत्ता और गुणगाण करती यह बाल-कविता अच्छी बन पडी है। बधाई।

*** राजीव रंजन प्रसाद

Kirtish Bhatt का कहना है कि -

क्या कहना ! अति सुंदर

भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -

भारत की बडी तस्वीर,
मेरी तकदीर
'राघव', भाग्यवान है..
संसकृति का सागर
ज्ञान गागर
मेरा भारत महान है..

-जय हिन्द - जय हिन्दी
रंजू जी बधाई

अवनीश एस तिवारी का कहना है कि -

सुंदर


Avaneesh tiwaree

विश्व दीपक का कहना है कि -

रंजू जी....
आज की युवा पीढी को इन सब बातों की जानकारी होना बहुत हीं आवश्यक है। आपने भारत की जो महत्ता बताई है , इसके लिए आप काबिल-ए-तारीफ हैं।

बधाई!

-विश्व दीपक 'तन्हा'

शैलेश भारतवासी का कहना है कि -

अच्छी कविता

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